हर व्यक्ति के लिए पूर्ण पौष्टिक आहार जरूरी होता है, क्योंकि ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी होने से शरीर ना सिर्फ कमजोर हो सकता है बल्कि बीमारियों का घर बन सकता है। इसीलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि हमारे आहार में कौन-कौन से पोषक तत्व सम्मिलित होना चाहिए । आइए जानते हैं मनुष्यो के लिए ज़रूरी पोषक तत्वों के बारे में | मनुष्यो के लिए ज़रूरी पोषक तत्व
1. प्रोटीन-
प्रोटीन स्वास्थ्य के लिए अतिआवश्यक है। इससे मांसपेशियों को मजबूती मिलती है | हालांकि, प्रोटीन की मात्रा कितनी लेनी चाहिए यह हर व्यक्ति की उम्र के साथ उसके शारीरिक श्रम पर निर्भर करता है। प्रोटीन एक कार्बनिक पदार्थ है जिसका गठन कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्वों के अणुओं से मिलकर होता है। पनीर, अंडा, दूध, चिकन, मछली में हाई प्रोटीन होता है और दूसरी तरफ प्रोटीन के प्रमुख स्रोतों में नट्स, बीज, आलू, साबुत अनाज और फलियां शामिल है |
2. कार्बोहाइड्रेट –
कार्बोहाइड्रेट से शरीर को ऊर्जा मिलती है । अगर सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लिया जाए, तो यह सेहत के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। आप शरीर में आवश्यक कार्बोहाइड्रेट की पूर्ति के लिए ब्राउन राइस, कम फैट वाला दूध, आलू व केले का सेवन कर सकते हैं। गेहूं, ज्वार, मक्का, बाजरा, चावल, दाल, जड़ वाली सब्जियां, केला, अमरूद, गन्ना, चुकंदर, खजूर, छुआरा, मुनक्का, अंजीर, शक्कर एवं शहद से प्राप्त होने वाले कार्बोहाइड्रेट् अत्यधिक शक्तिशाली और स्वास्थ्य के लिय लाभदायक होते हैं परन्तु इनकी अधिकता अनेक खतरनाक जानलेवा रोगो को भी जन्म देती है |
3. मिनरल या खनिज पदार्थ –
आयोडीन, आयरन, कैल्शियम व पोटेशियम महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं। इनसे शरीर में खून की कमी दूर होती है, दांत अच्छे रहते हैं और हड्डियां मजबूत होती है। इसके अलावा, यह शरीर की मांसपेशियों, तंत्रिका तंत्र और हार्मोन को भी संतुलित रखता है। इनको संतुलित मात्रा में लेना बहुत आवश्यक है इसकी कमी और अधिकता दोनों ही कई रोगो के कारण हो सकते हैं |
कुछ खनिज पदार्थ और उनके प्राप्ति के स्त्रोत :–
3. (A). पोटेशियम
पोटेशियम रक्त में तुरंत अवशोषित हो जाता है। हृदय को स्वस्थ रखने और पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली में भी पोटेशियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|
केला, टमाटर, आलू, शकरकंदी, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली, खट्टे फल जैसे संतरा, कम वसा वाला दूध और दही तथा फलियों में यह अधिक मात्रा में पाया जाता है।
3. (B). सोडियम
सोडियम रक्त के दाब और उसके परिमाण को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये मांसपेशियों और तंत्रिकाओं की कार्यप्रणाली के लिए जरूरी है।
नमक को सोडियम का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। दूध और शलजम में भी यह थोड़ी मात्रा में पाया जाता है।
3. (C). आयरन
यह हीमोग्लोबिन का अभिन्न भाग है, जो लाल रक्त कणिकाओं में पाया जाता है।
आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों में अंडे, फलियां, हरी पत्तेदार सब्जियां और सूखे मेवे सम्मिलित है।
3. (D). मैग्नीशियम
मैग्नीशियम ऊर्जा उत्पादन में योगदान देता है और कैल्शियम के स्तर को दुरुस्त रखता है।
स्रोत —
साबुत अनाज, अखरोट, काजू, बादाम और पत्तेदार सब्जियों में मैग्नीशियम पाया जाता है।
3. (E). कैल्शियम
कैल्शियम हमारे शरीर में सबसे अधिक पाया जाने वाला मिनरल है। यह हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में भी सहायता करता है। रक्त नलिकाओं को सिकुड़ने और फैलने के लिए भी कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
कैल्शियम के सबसे उत्तम प्राकृतिक स्त्रोत दूध, पनीर, दही, पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, गाजर, मूली, पत्तागोभी, लहसुन, अनार इत्यादि है |
4. फैट और चीनी –
हम सभी को पता है कि फैट और चीनी हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है, लेकिन यह पूर्णतः असत्य है। किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, सही मात्रा में फैट व चीनी को अपने भोजन में शामिल करें और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
5. विटामिन –
पौष्टिक आहार में विटामिन भी मुख्य भूमिका निभाता है। विटामिन्स कुल 13 प्रकार के होते हैं और सभी विटामिन्स को दो मुख्य भागों में बांटा गया है जो “वसा में घुलनशील” और “पानी में घुलनशील” कहलाते हैं | आइए आपको कुछ ज़रूरी विटामिन और उनके स्त्रोतों के बारे में बताते हैं |
विटामिन “ए” —
विटामिन “ए” अनेक कार्बनिक कंपाउंड से मिलकर बना है जिसमें मुख्य है रेटिनॉल और थाईरिमीन है। इस विटामिन का काम शरीर की त्वचा, बाल, नाखून, दाँत, मसूड़े, मांसपेशियाँ और हड्डी को ताकत देना है। इसकी कमी होने से सबसे ज्यादा आँखें प्रभावित होती है।
ज़्यादातर विटामिन “ए” चुकंदर, गाजर, पनीर, दूध, टमाटर, हरी सब्जियां, पीले रंग के फल आदि में मिलता है।
विटामिन “बी” —
विटामिन “बी” का मुख्य काम हमारी पाचनक्रिया को स्वस्थ रखना है। इस विटामिन की कमी से पेट संबंधी परेशानियाँ जैसे भूख न लगना, दस्त आदि हो सकते हैं। नसों में सूजन और बेरी-बेरी रोग की संभावना भी हो जाती है।
विटामिन “बी” के सोर्स खमीर, चावल की भूसी, चोकर, दालों के छिलके, अंकुरित अनाज के अतिरिक्त दूध, ताजी सब्जी, आटा व खाद्यान्नों आदि है। इसके अतिरिक्त यह गाजर, चुकंदर, मूंगफली, अदरक, किशमिश, केला, खीरा व काजू में भी प्रचुरता से पाया जाता है। विटामिन “बी” के कई रूप है जैसे — विटामिन बी 1, बी 2, बी 3, बी 5, बी 6, बी 7, बी 9 और विटामिन बी 12 |
विटामिन “सी” —
एस्कार्बिक ऐसिड के नाम से पहचाने जाने वाला विटामिन “सी” शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने के साथ ही शरीर की इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है | विटामिन “सी” की कमी से स्कर्वी रोग की संभावना हो जाती है | आँवला, संतरा, अनानास, अनार, आम आदि जैसे फल और नींबू, शकरकंद, मूली, बैंगन और प्याज जैसी सब्जियों में यह पाया जाता है|
विटामिन “डी” —
विटामिन “डी” से हड्डियाँ मजबूत रहती है। यह बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। बच्चों के शरीर में विटामिन “डी” की कमी हो जाएं तो रिकेट्स और बड़े व्यक्ति के शरीर में ऑस्टिओपोरोसिस रोग हो जाता है जिससे हड्डियाँ पतली और कमजोर हो जाती हैं।
विटामिन “डी” का सबसे अच्छा स्त्रोत सूरज की किरणें हैं। इसके अलावा दूध, मलाई, मक्खन, मूँगफली और तिल के सेवन से भी यह प्राप्त किया जा सकता है।
विटामिन “ई” —
वसा में घुलने वाला यह विटामिन “ई” एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही शरीर में एलर्जी से बचाव और कोलेस्ट्रॉल को भी संतुलित करता है। ब्लड में लाल रक्त कण का निर्माण के साथ ही शरीर के सभी अंगों को सामान्य बनाए रखने में भी मदद करता है और स्किन और बालों का स्वास्थ्य और सौंदर्य भी इसी के कारण ही होता है। इस विटामिन की कमी के कारण शरीर में प्रजनन शक्ति में कमी हो जाती है |
विटामिन “ई” के लिए हमें अंडे, हरी पत्तेदार सब्जी और अनाज खाना चाहिए।
विटामिन “के” —
शरीर में ब्लड को गाढ़ा करके जमाने का काम विटामिन “के” ही करता है। इस विटामिन की कमी से ब्लड की क्लोटिंग नहीं हो पाती है और खून का बहाव रोकना मुश्किल हो जाता है। यह विटामिन लीवर को भी स्वस्थ रखता है।
छिलकेदार अनाज और हरी सब्जियों के सेवन से यह विटामिन लिया जा सकता है।
अगर नियमित रूप से हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज, दूध और फलों का सेवन किया जाएं तो हमारे शरीर में हमेशा विटामिन की पूर्ति बनी रहेगी |
6. पानी –
उचित मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है। कम पानी पीने से भी शरीर बीमारियों का घर बन जाता है। इसलिए, खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए और बीमारियों से खुद को दूर रखने के लिए उचित मात्रा में पानी पिएं। हर रोज कम से कम आठ से दस गिलास पानी पिएं।
7. फाइबर –
पौष्टिक आहार में प्राकृतिक फाइबर (Roughage) का होना भी बहुत जरूरी है। फाइबर युक्त आहार का सेवन पाचन तंत्र के लिए आवश्यक होता है। कई सब्ज़ियां, फल, दालें आदि फाइबर के स्रोत हैं। जैसे हरी बीन्स और गहरे हरे रंग की पत्तेदार साग, गाजर, चुकंदर और मूली जैसी जड़ वाली सब्जियां,सेब, संतरे इत्यादि |
हम आपके साथ पुरे दिन की एक आदर्श सामान्यकृत आहार सूचि शेयर कर रहे हैं जो स्वास्थ के लिए लाभदायक तो होगा ही साथ ही आप के खाने का स्वाद भी बढ़ाएगा |
सामान्यकृत आहार सूचि
1. सुबह का नाश्ता
* आप सुबह के नाश्ते में ब्रेड-आमलेट या फिर ब्रेड और उबला हुआ अंडा खा सकते हैं। उबले हुए अंडे का स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें
काली मिर्च पाउडर और नमक छिड़क कर भी खा सकते हैं |
* अगर आप शाकाहारी है, तो दलिया और अंकुरित सलाद खा सकते हैं। अंकुरित सलाद को स्वादिष्ट बनाने के लिए आप इसमें कोई भी बेस्ट
चाट मसाला छिड़क कर खाएं |
* आप कम तेल वाले पराठे या इडली-डोसा का भी नाश्ता कर सकते हैं। पराठे को आप थोड़े
अचार या
टमेटो केचप के साथ भी खा सकते हैं |
* साथ ही दूध या दही भी ले सकते हैं। अगर आपको सादा दूध पसंद नहीं है तो उसमे बढ़िया दूध मसाला डालकर स्वादिष्ट और हेल्दी दूध का चुनाव कर सकते हैं |
* अगर आपको दूध पसंद नहीं है तो आप ग्रीन टी का चुनाव कर सकते हैं |
* उपरोक्त दूध या ग्रीन टी के बदले आप फ्रूट और सब्जी की स्मूदी बना कर भी पी सकते हैं |
2. ब्रंच
* आप ड्राई फ्रूट खा सकते हैं
* कोई एक या दो फल भी खा सकते हैं।
* चाहें तो आप फ्रूट सलाद बनाकर और
चाट मसाला छिड़क कर फ्रूट्स खाएं |
3. दोपहर का खाना
* आप दाल-चावल और चिकन या मछली की करी खा सकते हैं | दाल और सब्ज़ी का स्वाद बढ़ाने के लिए आप
उत्तम क्वालिटी का हल्दी पाउडर और
उत्कृष्ट लाल मिर्च पाउडर का चुनाव करें |
* अगर शाकाहारी खाना है, तो बीन्स की सब्जी, रोटी, दाल या चावल खा सकते हैं।
* बीन्स की सब्जी की जगह अपनी पसंद की कोई अन्य सब्जी भी खा सकते हैं
* भोजन में सलाद जरूर लें|
4. शाम का नाश्ता
* आप फल या ड्राई फ्रूट का सेवन कर सकते हैं।
5. रात का खाना
* आप रोटी और चिकन या मछली की करी खा सकते हैं या चिकन सूप पी सकते हैं।
* शाकाहारी है, तो मिक्स वेज करी और रोटी या मिक्स वेज सूप या फिर रोटी और पनीर की सब्जी भी खा सकते हैं।
*( सब्ज़ी का स्वाद बढ़ाने के लिए आप
उत्तम क्वालिटी का हल्दी पाउडर और
उत्कृष्ट लाल मिर्च पाउडर का चुनाव करें| )
*सोने से पहले आप दूध भी पी सकते हैं |
उपरोक्त आहार सूचि एक सामान्य जानकारी है | हर इंसान की पोषण सम्बन्धी जरूरतें उनके स्वास्थ्य के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है | इसलिए आप अपना अनुकूलित आहार सूचि बनाने के लिए डायटीशियन या डॉक्टर की सलाह जरूर लें |
पौष्टिक आहार से सम्बंधित कुछ जरुरी सलाह:–
आहार चार्ट के अलावा कुछ और बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है, जो आपको स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकती हैं।
1. अपने भोजन में ड्राई फ्रूट्स व फल को जरूर शामिल करें।
2. कभी भी खाना मिस ना करें। उचित समय निश्चित कर सही समय पर नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना खाएं। अगर आप किसी भी एक वक्त का खाना छोड़ते हैं, तो हो सकता है कि आपको ज्यादा भूख लगे और आपकी खाने की इच्छा बढ़ जाएं, जिस कारण आप एक बार में ज्यादा खा लें। इससे आपको पेट संबंधी बीमारियां, वजन बढ़ने की समस्या के साथ-साथ कई और परेशानियां भी हो सकती है |
3. जरूरत से ज्यादा नमक या चीनी का सेवन न करें।
4. तैलीय और जंक फूड खाने से बचें।
5. पोषण से भरपूर संतुलित आहार के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम भी करें। अगर आप जिम नहीं जा सकते हैं, तो आप सुबह और शाम सैर जरूर करें।
6. खाने को सही तापमान पर पकाएं। ज़्यादा पकाने से उसके अंदर के पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं |
संतुलित आहार का महत्व तो हमारे जीवन में है ही, साथ ही अपनी दिनचर्या में नियमितता लाना भी जरूरी है। इसलिए सही वक्त पर उठें, सही वक्त पर सोएं, पूरी नींद लें और तनाव से दूर रहने की कोशिश करें।
आप अपने जीवन में पौष्टिक आहार को कितना महत्त्व देते हैं? हमें हमारे सोशल मीडिया पेज पर डायरेक्ट मैसेज करके बताएं | हम आपकी दी हुई जानकारी का विश्लेषण कर उसे हमारे ब्लॉग में शामिल करेंगे और हमारे सोशल मीडिया पेजों पर आपका अभिवादन करेंगे |
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